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नई दिल्ली। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे ग्रामीण परिवारों को रोजगार से जोड़ने के लिए उ.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बड़ी योजना पर काम शुरू करने जा रहा है। महानगरों और दूसरे राज्यों से गांवों में लौटे 5.5 लाख परिवारों की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उनकी मैपिंग शुरू कराई गई है। मैपिंग में जो महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ने की इच्छा जताएंगी उन्हें वित्तीय सहुलियतें मुहैया कराते हुए तत्काल रोजगार से जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बाहर से लौटे मजदूर परिवारों को रोजगार से जोड़े जाने का निर्देश दिए जाने के बाद मिशन ने बड़ी कार्य योजना तैयार कर काम शुरू किया है।
तत्काल जोड़ेंगे स्वरोजगार से
मैपिंग के तहत ग्रामीण परिवारों की महिलाओं से पूछा जा रहा है कि वह क्या काम कर सकती हैं, कुछ ऐसा भी काम करना चाहेंगी जिसमें उन्हें किसी प्रकार की प्रशिक्षण की जरूरत है आदि। इन सवालों के जवाब के आधार पर महिलाओं के लिए स्वरोजगार के लिए काम चुना जाएगा। जिन्हें प्रशिक्षण की जरूरत है उन्हें कौशल विकास मिशन से दस दिन का प्रशिक्षण मिलेगा। प्रशिक्षण पूरा होते ही उन्हें गांव की स्वयं सहायता समूह से जोड़ा जाएगा। महिलाओं को समूह के फंड से तत्काल काम शुरू करने के लिए धनराशि मुहैया कराई जाएगी।
400 करोड़ रुपये खर्च
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक आईएएस सुजीत कुमार के मुताबिक स्वयं सहायता समूह से जोड़ी जाने वाली महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 400 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं। इसमें से 200 करोड़ रुपये समूहों को देने का काम सोमवार से शुरू किया गया है। सुजीत कुमार के मुताबिक कम से कम चार से पांच लाख ग्रामीण महिलाओं को समूहों से जोड़कर रोजगार से जोड़ा जाएगा।
सबसे बड़ा काम एक करोड़ स्कूल ड्रेस तैयार करने का
समूह के पास इस समय मास्क, सेनिटाइजर के साथ ही पीपीई किट बनाने का बड़ा काम है। इसके अलावा अब स्कूल ड्रेस तैयार करने का काम शुरू होने जा रहा है। करीब एक करोड़ स्कूल ड्रेस तैयार किया जाना है। इस काम में बड़ी तादाद में महिलाएं सिलाई से जोड़ी जाएंगी। न्यूनतम पांच से छह हजार रुपये तक महीने का महिलाएं कमा सकेंगी।
इन कामों से जोड़ी जाएंगी महिलाएं
फेस मास्क, सेनिटाइजर निर्माण, पीपीई किट, स्कूल ड्रेस की सिलाई, आचार-मुरब्बा निर्माण, मसाला पिसाई व पैकिंग, धूप-अगरबत्ती, सोलर लैंप निर्माण, पशुपालन, सब्जी की खेती व कारोबार, घरेलू सामान बेचने का काम, बिल्डिंग मैटेरियल बिक्री आदि।
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