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Modi government is bringing this scheme to help migrant laborers, know the details
Modi government is bringing this scheme to help migrant laborers, know the details
The Modi government will launch an ambitious plan on 20 June to help the poor and laborers affected by the lockdown amid the Corona crisis. PM Modi himself will launch this scheme. The scheme, to be launched under the name of Garib Kalyan Rojgajar Abhiyan, will basically benefit the poor in rural areas.

नई दिल्ली।कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन से प्रभावित गरीब और मजदूरों को मदद पहुंचाने के लिए मोदी सरकार 20 जून को एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत करेगी। पीएम मोदी खुद इस योजना को लांच करेंगे। गरीब कल्याण रोजगजार अभियान के नाम से शुरू होने वाली योजना से मूल रूप से ग्रामीण इलाकों के गरीबों को अधिक लाभ होगा।
इस योजना से गृह राज्य लौटे प्रवासी मजदूर सशक्त होगें और उन्हें आजीविका का साधन मिलेगा।

modiइस योजना में खास रिवर्स माइग्रेशन के तहत अपने गांव लौटने वाले कामगारों के लिए खास प्रावधान होंगे ताकि उनके सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट नहीं हो। सरकार के अनुसार यह अभियान 125 दिनों का होगा जो मिशन में चलेगा। इसमें 25 तरह के कामों की लिस्ट बनाई गई है जिसके अंतर्गत घर लौटे मजदूरों को काम दिया जाएगा। इसपर पचास हजार करोड़ खर्च किये जाएंगे। यह केंद्र सरकार की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का हिस्सा है।
एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 20 जून को मोदी ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ का शुभारंभ करेंगे।

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यह अभियान बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहर गांव से शुरू किया जाएगा।
इस योजना के डिजिटल शुभारंभ में पांच अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और कुछ केंद्रीय मंत्री भी हिस्सा लेंगे।

बयान में कहा गया है कि बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा के कुल 116 जिलों के 25,000 से अधिक प्रवासी मजूदरों को इस अभियान के लिए चुना गया है जिसमें 27 आकांक्षी जिले शामिल हैं।

इसमें बताया गया है कि इन जिलों के ऐसे करीब दो तिहाई प्रवासी मजदूरों को शामिल करने का अनुमान है।

छह राज्यों के 116 जिलों के गांव कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए साझा सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिए इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

यह अभियान 125 दिनों का है जिसमें प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने और देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा खड़ा करने के लिए 25 अलग तरह के कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

labourersइस योजना का समन्वय 12 अलग-अलग मंत्रालय करेंगे जिनमें ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खनन, पेयजल एवं स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि मंत्रालय शामिल हैं।
मालूम हो कि लॉकडाउन के बाद पूरे देश में रिवर्स माइग्रेशन का बहुत बड़ा दौर देखा गया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार इस तरह की विपदा देखी गई और महज एक महीने के अंदर लगभग एक करोड़ प्रवासी मजबूरी में अपने-अपने घरों तक पहुंचे। इससे लॉकडाउन हटने के बाद उद्योग धंधा चलाने के जिए मजदूरों का संकट भी पैदा होने की आशंका बतायी जा रही है। साथ ही इन मजदूरों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। हालांकि संकट की इस विषम परिस्थिति में मोदी सरकार की इस योजना से ग्रामीणों और मजदूरों को बहुत फायदा होगा।

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